Monday, April 8, 2019

रब्ब सम्भाल लेगा!!!

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हम संभल जाएंगे, रब्ब हमको सम्भाल लेगा।
जिसने अज़माइशों में डाला है, वो मुश्किलों से निकाल लेगा।
मुझे उस पर एतमाद है, इसी एतमाद पर ही साँसें हैं,
मुसीबत भी, मुसर्रत भी, चंद लम्हे की बातें हैं।
कि इस ज़िन्दगी के बाद एक ज़िन्दगी और भी होगी,
शिक़ायत नहीं है किस्मत से, ज़िन्दगी चाहे जिस तौर कटेगी।
ये आँसू क़ीमती हैं बड़े दरबार-ए- ख़ालिक़ में,
मेेरे दिल में भी वही है, जो धड़कनों का मालिक़ है।
उसकी रज़ा में ढ़ल जाएं, उनकी बात आला है।
यहाँ हालात मुश्किल हैं ,वहाँ इनामात आला हैं।
सबकुछ जानकर जहाँ से बेगरज़ हो जा ऐ दिल!
जो यहाँ सब्र करते हैं ,वहाँ वही लोग हैं क़ामिल।
कभी अंज़ाम-ए-ज़िन्दगी रख कर ज़ेहन में कर सफ़र आगाज़,
नफ़स को क़ैद कर  लो, फ़िर मंज़िल करो तलाश।

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