Friday, February 15, 2019

ये हादसा और दिल मेरा

Edit Posted by with 1 comment
एक हादसा हुआ ऐसा,
रो पड़ा एक साथ पूरा हिन्दुस्तां।
गोद सुनी हुई कई माँओ की,
कई बेटों ने बाप खोये हैं।
काश उन्हें भी समझ आये ये ग़म,
जिन्होंने नफरतों के बीज बोए हैं।
लाश पर रो पड़ी है वो औरत,
जिसने खोया है अपने शौहर को
जो जिम्मेदार हैं इन हादसों के लिये,
जुदा उनके जिस्म से उनकी साँसें कर दो।
वो बहन भाई के सभी क़िस्से,
अब न दुहराए जाएंगे घर में कभी।
उस बहन के सवालों का जवाब दे सके,
इतना ताक़तवर कोई इंसान नहीं।
आँसूं पोछें या ख़ुद ही रो लें,
ज़ख्म हर दिल ने आज़ खाये हैं।
जो तसल्लियां देने गए थे,
वो ख़ुद आँसू बहा कर आएं हैं।
ज़ुर्म और हादसों की ऐ ख़ुदा,
हो सके तो अब ख़ात्मा कर दे।
या तो तू ख़ुद ही सज़ा दे उनको,
या ये काम हमारे लिये आसां कर दे।